गुरुजी के आध्यात्मिक उपचार और दिव्य ऊर्जा के माध्यम से पुराने से पुराना कंधे का दर्द भी धीरे-धीरे शांत होने लगता है। नियमित साधना, श्रद्धा और गुरु आशीर्वाद से जकड़न कम होती है, पीड़ा में राहत मिलती है और मन, तन व ऊर्जा में संतुलन स्थापित होता है।
गठिया या मांसपेशियों के खिंचाव से उत्पन्न हाथों के दर्द में गुरुजी का आशीर्वाद चमत्कारी राहत देता है। नियमित साधना से रक्तसंचार सुधरता है, ऊर्जा प्रवाह संतुलित होता है और दर्द की तीव्रता धीरे-धीरे घटने लगती है।
गलत मुद्रा या मानसिक तनाव से उत्पन्न गर्दन के दर्द में गुरुजी की दिव्य ऊर्जा से चमत्कारी लाभ होता है। ध्यान और प्रार्थना के माध्यम से गर्दन में धीरे-धीरे आराम, हल्कापन और सहजता महसूस होने लगती है।
गुरुजी की कृपा से पुराने घुटनों के दर्द और जकड़न में धीरे-धीरे राहत मिलने लगती है। उनकी साधना विधियों से चलने-फिरने में सहजता आती है और आत्मविश्वास भी लौटने लगता है।
गुरुजी की कृपा और ध्यान विधियों से पैरों के दर्द, एड़ी की जलन और थकान में चमत्कारी राहत मिलती है। चलना-फिरना आसान हो जाता है और शरीर में नई स्फूर्ति का अनुभव होता है।
गुरुजी की कृपा और ध्यान साधना से आंखों की जलन, धुंधलापन, पानी आना व थकान जैसी समस्याओं में चमत्कारी राहत मिलती है। नेत्र ज्योति बढ़ती है और दृष्टि स्पष्ट होती है।