गुरुजी बच्चों की शिक्षा को समर्थन देने के लिए स्कूल बैग और आवश्यक सामग्री वितरित करते हैं। यह पुण्य कार्य बच्चों में खुशी, आशा और उत्साह फैलाता है। यह आत्मविश्वास बढ़ाता है, शिक्षा के प्रति प्रेरित करता है और विकास, ज्ञान, बुद्धि तथा स्थायी सफलता की ओर मार्ग प्रकाशित करता है।
गौ सेवा गुरुजी के जीवन का अभिन्न हिस्सा है। वे स्वयं प्रतिदिन गौमाताओं की सेवा कर यह संदेश देते हैं कि सच्ची भक्ति सेवा में है। गुरुजी की करुणामयी दृष्टि और प्रेम से गायों को न सिर्फ पोषण मिलता है, बल्कि सेवक के जीवन में भी शांति, पुण्य और आध्यात्मिक उन्नति का अनुभव होता है।
गुरुजी की प्रेरणा से मोरों के लिए नियमित रूप से चुग्गा अर्पित किया जाता है। यह सेवा न केवल जीवों के प्रति करुणा का प्रतीक है, बल्कि प्रकृति के संतुलन और सौंदर्य को बनाए रखने का एक दिव्य प्रयास भी है। मोर सेवा के माध्यम से भक्तगण निस्वार्थ सेवा और प्रेम की भावना को अपने जीवन में आत्मसात करते हैं।
पक्षियों को प्रतिदिन प्रेमपूर्वक चुगा अर्पित करना गुरुजी की करुणामयी दिनचर्या का अहम हिस्सा है। यह सेवा केवल अन्न प्रदान करना नहीं, बल्कि मौन प्राणियों के लिए स्नेह, संवेदना और जीवन का उत्सव है — जहाँ हर दाना मानवता और सह-अस्तित्व का संदेश बन जाता है।
बंदरों को फल व पौष्टिक भोजन कराना गुरुजी की सेवा भावना, करुणा और श्री हनुमान जी के प्रति उनकी गहन भक्ति का अभिन्न रूप है — जहाँ हर आहार में प्रेम, सम्मान और दया समाहित होती है।
पौधारोपण सेवा गुरुजी की पर्यावरण के प्रति गहरी संवेदना का प्रतीक है। हर लगाया गया पौधा न केवल पृथ्वी को हरियाली देता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए शुद्ध वायु और जीवन का संदेश भी है।
गुरुजी के मार्गदर्शन में होने वाले रक्तदान शिविर निस्वार्थ सेवा की भावना को जाग्रत करते हैं। एक छोटी-सी पहल किसी ज़रूरतमंद को नया जीवन दे सकती है। यह सेवा प्रेम, परोपकार और सामाजिक उत्तरदायित्व की सच्ची मिसाल है।
गर्मी, धूप और बारिश से बचाने के लिए गुरुजी की प्रेरणा से लगाए गए पक्षी घर नन्हे जीवों के लिए आश्रय का स्रोत बनते हैं। यह सेवा प्रकृति से जुड़ाव, मौन प्राणियों के प्रति संवेदनशीलता और जीवन के हर रूप के प्रति करुणा का प्रतीक है। हर पक्षी घर एक छोटा प्रयास है — लेकिन उसमें बसती है सच्ची मानवता।